Shri Sardar Vallabhbhai Patel, the architect of National Unity Day merged various states into the Indian Union at the time of independence. We salute his dedication to the service of the nation.
काबुल हवाईअड्डे से सोमवार को आई तस्वीरों ने वैश्विक समुदाय को झकझोर कर रख दिया है I
इन छवियों ने हमें स्तब्ध कर दिया और हमें ये सोचने पर मजबूर कर दिया, "क्या समय इतना क्रूर हो सकता है और इस तरह से हमारे आस्था की परीक्षा ले सकता है?
वो मासून बेचारे लोग जो अपनी जान बचाने के लिए भागने की कोशिश कर रहे थे, वे इस बात से अनजान थे कि वे वास्तव में अपनी मौत की ओर जा रहे थे।
जो लोग विमान के बाहरी अंग पर सवार हो कर निश्चिंत हो गए थे ये सोचकर की उनकी जान अब बच जाएगी, वे बिचारे इस बात से अनजान थे की वे असल में खुदके मौत की सफर पर सवार हो चुके थे।
शायद इन लोगों ने अपने जीवन में न तो कभी हवाईअड्डा देखा होगा और नाही हवाई जहाज के बारे में जाना होगा। इसलिए उन्होंने ऐसी गलती की, जिससे उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी, जिसे वे बचाना चाहते थे।
में तो ये सोच भी नहीं पा रहा हु की व्यक्ति की मानसिक स्थिति कैसी हो सकती है, उसके दिमाग में क्या ख़याल आते होंगे जब उसे जीवन और मौत में से एक को चुनना पड़ता है।
काश अफरातफरी के ऐसे अकल्पनीय स्थिति में भगवान् इन लोगों को सद्बुद्धि देता और वो वही रुक जाते तो आज वो जीवित होते और शायद सुरक्षित भी।
काश वक़्त इतनी क्रूरता से इंसान के आस्था की परीक्षा न लेता तो आज हमें मौत की इतनी भयानक और असहनीय वेदना देने वाली तस्वीरें देखेने की नौबत ही न आती।
The images that came on Monday from the Kabul airport has shocked and stunned the global community.
These images numbed us and made us think, "Can the time be this cruel and test our faith in this way?
Those poor innocent souls who were trying to flee for the sake of saving their lives were unaware that they were actually heading to their deaths . Those who had clung to the exterior of the aircraft, thinking that their life would be safe, were unaware they had actually boarded the flight to their death.
Perhaps these people would have never seen an airport in their life and nor known about the aircraft. That is why they made such a mistake, due to which they had to lose their life, which they wanted to save.
I can't even imagine what a person's mental state might be, what thoughts must be coming to his mind when he has to make a choice between life and death.
I wish God had given wisdom to these people in such an unimaginable state of chaos, and if they had stayed back, they would have been alive today and probably even safe.
Perhaps, time had not tested the faith of human beings so brutally, we would not have had a chance to witness such horrific, unbearable and painful images of death today.